Thursday, March 8, 2007

Some More

Some more gems!!
Try to figure out the meaning yourself!!

जो लगी समंद में, धुआं ना पर्गत होये
सो जने जो जर्मुआ, जाकी लगी होये

ऐसी वाणी बोलिये, मुं का आप खोये
अपना तन शीतल करे, औरन को सुख होये

बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड खजूर
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अतिदूर

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा ना मिल्या कोये
जो मन खोजा अपना, तो मुझसे बुरा ना कोये

चिन्ता ऎसी डाकिनी, कट कलेजा खाये
वैद बिचारा क्या करे, कहां तक दवा लगाए

धीरे धीरे रे मन, धीरे सुब कुत्च होये
माली सींचे सो घर, रितु आये फल होये

दुःख में सिमरन सब करे, सुख में करे ना कोये
जो सुख में सिमरन करे, तौ दुःख कहे को होये

जब तुन आया जगत में, लोग हँसे तू रोये
ऐसे करनी ना करी, पचे हँसे सब कोये

कंकर पाथर जोड़ के, मस्जिद लिया बनाय
तन चढ़ मुल्ला बांग दे, क्या बहरा हुआ खुदेय

मंगन मरण समान है, ना मांगे कभी भीख
मंगन से मरना भला, येह सतगुरु की सीख

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